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Bhaktmal katha by Rajender Das ji in May 2014 at Kolkata, West Bangal

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 01

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 02

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 03

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 04

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 05

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 06

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 07

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 08

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 09

SHRI BHAKTMAL KATHA KALAMANDIR KOLKATTA BY SHRI RAJENDRADAS JI MAHARAJ PART 10

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of BhaktiKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



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मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।

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मेरे हाथ में तेरा हाथ हो,
और मंज़िल केदारनाथ हो,
सावरे पिया मेरी रंग दो चुनरिया
राधा के पिया मेरी रंग दो चुनरिया
नैया हमारी मोहन बिन मांझी चल रही है,
तुम थाम लो मुरारी ये तो मचल रही है,
अमरिका में श्याम तेरो,
मंदिर बनवाऊंगा,
गणपती मूरत बस गई जेह मन पार उतर गयो सोय,
अपनी धुन में होय रहत फिर चाहे जो भी हो,