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Shrimad Bhagwat Katha by Sanjeev Krishna Thakur Ji in Feburary 2015 at Darbhanga, Bihar

Darbhanga, Bihar (24 Feb 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Darbhanga, Bihar (25 Feb 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Darbhanga, Bihar (26 Feb 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Darbhanga, Bihar (27 Feb 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji 1

Darbhanga, Bihar (28 Feb 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Darbhanga, Bihar (1 Mar 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Darbhanga, Bihar (2 march 2015) | Shrimad Bhagwat Katha | Sanjeev Krishna Thakur Ji

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee



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अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना

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मेरे हालात पे तेरी खामोशियाँ साँवरे,
अब सही हमसे जाती नही,
आरती करो छोटे लालन की,
सखी आरती करो छोटे लालन की,
कान्हा तेरा मंदिर अब मेरा है ये घर,
तू ही नज़र आये देखूं मैं जिधर,
झूला झूल रहे भगवान
नंद जी के अंगना में
हमारे साथ है श्री राम तो किस बात की
शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की