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Shreemad Bhagwat Katha By Shri Girishanand Saraswatiji Maharaj in July 2015 At Iskcon Temple, Juhu,Mumbai

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Girishanand Saraswatiji Maharaj - Day 2, (Iskcon Temple, Juhu)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Girishanand Saraswatiji Maharaj - Day 3, (Iskcon Temple, Juhu)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Girishanand Saraswatiji Maharaj - Day 4, (Iskcon Temple, Juhu)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Girishanand Saraswatiji Maharaj - Day 5, (Iskcon Temple, Juhu)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Girishanand Saraswatiji Maharaj - Day 6, (Iskcon Temple, Juhu)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Girishanand Saraswatiji Maharaj - Day 7, (Iskcon Temple, Juhu)

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?



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वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया

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श्याम कृपा से हम प्रेमी बड़े दिलवाले
हम खाटूवाले हैं सुनो जी हम खाटूवाले
कैसे आऊं मैं कन्हैया, तेरी गोकुल नगरी
कान्हा दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी
मैं क्या जानू मेरे रघुराई,
तू जाने मेरी किस में भलाई
तेरा दर्शन सोना मैं पावा ज़माने कोलो
जिस हाल विच रखे रह जावा ज़माने कोलो की
जय चामुंडा माता मैया जय चामुंडा माता
शरण आए जो तेरे सब कुछ पा जाता