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Ras Bhagwad Katha by Shri Radhakrishnaji Maharaj in December 2014 at Shri Dham Vrindavan, UP

Shri Dham Vrindavan, UP (26 December 2014) | Ras Bhagwad Katha | Shri Radhakrishnaji Maharaj

Shri Dham Vrindavan, UP (29 December 2014) | Ras Bhagwad Katha | Shri Radhakrishnaji Maharaj

Shri Dham Vrindavan, UP (30 December 2014) | Ras Bhagwad Katha | Shri Radhakrishnaji Maharaj

Shri Dham Vrindavan, UP (31 December 2014) | Ras Bhagwad Katha | Shri Radhakrishnaji Maharaj

Shri Dham Vrindavan, UP (1 Jan 2015) | Ras Bhagwad Katha | Shri Radhakrishnaji Maharaj

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?



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सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥

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मेरे हृदय करो प्रवेश जी,
हृदय करो प्रवेश जी,
श्याम का मैं फैन हूं नाम है सुदामा रे,
बचपन का यार मैं हूं श्याम का दिवाना
तुम दिल से जो मैया को याद करो,
मैया सौ बार आगे बढ़ आएगी,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ,
गरीब घर आ जाना,
मेरे राधा रमण सरकार,
तू इतना ना करियो श्रृंगार