Home Gurus Sukhbodhananda

Swami Sukhbodhananda

Search for Self - (Bhagavad Gita - Vol. 49 & 50)

Growth Oriented Living - (Bhagavad Gita - Vol. 51 & 52)

Divine Flow Within - (Bhagavad Gita - Vol. 53 & 54)

Integration of Roles - (Bhagavad Gita - Vol. 19 & 20)

Contents of this list:

73rd IRC swami sukhabodhananda Speech
Search for Self - (Bhagavad Gita - Vol. 49 & 50)
Growth Oriented Living - (Bhagavad Gita - Vol. 51 & 52)
Divine Flow Within - (Bhagavad Gita - Vol. 53 & 54)
Integration of Roles - (Bhagavad Gita - Vol. 19 & 20)

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?



Bhajan Lyrics View All

राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,

New Bhajan Lyrics View All

तेरी कृपा से बाबा जीवन संवर रहा है,
बिन बोल ही तू मेरा हर काम कर रहा है,
श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा,
दानी हो कर तू चुप बैठा ये कैसी दातारी
भक्तों के भाग्य को खोले,
मेरे प्रभु भोले,
आ गया मैं दुनियादारी, सारी दाता छोड़
लेने आ जा हारावाले, आनंदपुर के मोड़
बाबा प्रेम की होली है,
श्याम संग खेलूं होली उन्हें रंग जो