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Sukhabodhananda

Unessential to Essential - (Bhagavad Gita - Vol. 29 & 30)

Surging Joy - Within (Bhagavad Gita - Vol. 11 & 12)

Attitude towards Action - (Bhagavad Gita - Vol. 23 & 24)

Live Life Totally - (Bhagavad Gita - Vol. 17 & )

Integration of Roles - (Bhagavad Gita - Vol. 19 & 20)

Witnessing Consciousness - (Bhagavad Gita - Vol. 31 & 32)

Inner Alchemy - (Bhagavad Gita - Vol. 33 & 34)

09 HARMONY IN CHAOS

Contents of this list:

Unessential to Essential - (Bhagavad Gita - Vol. 29 & 30)
Surging Joy - Within (Bhagavad Gita - Vol. 11 & 12)
Attitude towards Action - (Bhagavad Gita - Vol. 23 & 24)
Live Life Totally - (Bhagavad Gita - Vol. 17 & )
Integration of Roles - (Bhagavad Gita - Vol. 19 & 20)
Witnessing Consciousness - (Bhagavad Gita - Vol. 31 & 32)
Inner Alchemy - (Bhagavad Gita - Vol. 33 & 34)
09 HARMONY IN CHAOS

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तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी

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खाटू वाले श्याम की,
महिमा सै भारी,
कर्म इतना बिहारी जी का,
मुझ पर एक बार हो जाये,
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
मनवा रे मनवा बृज़ में जब जईयो,
वृन्दावन में रहियो
दुःख बहुत बड़े सरकार पड़े हम हाल से
हारे के सहारे अब तो आकार ले सम्भाल॥