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Shri Radhavallabh Matotsav at Madan Ter, Vrindavan by Shree Hita Ambrish Ji in November 2014

Shri Radhavallabh Patotsav Part 1 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

Shri Radhavallabh Patotsav Part 2 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

Shri Radhavallabh Patotsav Part 4 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

Shri Radhavallabh Patotsav Part 5 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

Shri Radhavallabh Patotsav Part 6 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

Shri Radhavallabh Patotsav Part 7 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

Shri Radhavallabh Patotsav Part 8 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

Shri Radhavallabh Patotsav Part 9 in Madan Ter, Vrindavan By Shree Hita Ambrish Ji

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14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?



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हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥

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है शिवशंकर डमरू वाले,
करके कृपा हमको अपनाले,
माँ गौरा के लल्ला गणेश जी,
कभी अंगना हमारे भी आओ,
हरि भगतो का है बृज़ में ठिकाना,
शाम पागलो का वृन्दावन पागल ख़ांना,
सानूं फेर बुलावी माइये,
असी फेर आइये,
मोहे बिन ब्याहे ले जाये कह दीजो मुरली
कह दीजो मुरली वाले से कह दीजो नंद के