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Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha by Shree Hita Ambrish ji at New Delhi in September 2015

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 1 By Shri Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 2 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 3 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 4 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 5 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 6 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 7 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 8 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 9 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 10 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 11 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 12 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 13 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 14 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Shree Krishna Janmashtami Mahotsava Katha Part 15 By Shree Hita Ambrish ji in New Delhi.

Contents of this list:

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8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy PeopleHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?



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जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को

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चित्रकूट के वन जंगल में शबरी देखै बाट,
हे री कद आवैंगे मेरे राम...
ना मैं सोनी ना गुन पल्ली ना कोई सुनावल
करजया ने भूल भुलाके मेरा सोनी नाम
जय जयकार बुलाऊँ तेरी, जय हो शीश के दानी
झूम झूम, मोर बन,
ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमाम
जब जब भी मैं हारा,
तूने लिया है मुझको थाम,