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Guru Purnima Mahotsava By Shree Hita Ambrish Ji at Hisar, Haryana in July 2015

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain



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श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥

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माँ भगवती जगदम्बिके नारायणी दुर्गे,
अपने इस बालक को वरदे वरदे
गणपति मेरे गणपति जग के पालनहार तुम,
विश्व के रचिता तुम्हीं हो गौरा जी के
ज्वाला मैया का दरबार अकबर देखने आया...
मैया देना दया का दान शरण तेरी आये है,
तेरा होगा बङा अहसान शरण तेरी आये है,
सारे भक्तों का चला खाटू रेला,
लो आया देखो फागण का मेला...