Gopi Geet Katha By Shri Hita Ambrish ji at Iskcon Mandir, New Delhi in July 2015
Contents of this list:
A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Why Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
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पत्ते पत्ते पर मोहन का नाम राधे...
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लीला तेरी निराली कृष्ण मोरे लीला तेरी
भजो रे भैया,
राम गोविंद हरि,