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Shrimad Bhagwat Katha by Pujya Rameshbhai Oza ji in January 2014 at Angul, Odisha

Angul, Odisha (11 January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

Angul, Odisha (12 January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

Angul, Odisha (13 January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

Angul, Odisha (14 January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

Angul, Odisha (15 January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

Angul, Odisha (16 January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

Angul, Odisha (17 January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

Angul, Odisha ( January 2014) | Shrimad Bhagwat Katha | Pujya Bhaishri

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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?How To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain



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कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे

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दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है,
आज ब्रज में होरी रे रसिया,
होरी रे होरी रे बरजोरी रे रसिया...
सुन लो मेरे बजरंग प्यारे सिया राम के
आया हु शरण में तेरी कर दो बेडा पार,
चाहे तार जोगिया, चाहे मार जोगिया,
असा छड्ना नी तेरा दरबार जोगिया
हम राम के बन्दे है,
हाथ जोड़कर जिनको पुकारे,