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Shri Ram Katha By Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza in August 2015 at Nashik

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 1 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 2 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 3 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 4 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 5 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 6 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 7 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 8 (Nashik)

Shri Ram Katha - Pujya Bhaishri Rameshbhai Oza - Day 9 (Nashik)

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONHow To Cultivate Gratitude For God And Feel Blessed In Life?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People



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शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।

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मईया मेरी आ जाओ, अब आपको बुलाया है,
मईया जी के मंदिर को मैंने फूलों से
तेरी आरती गाऊं मैं सजाकर थाली,
विनती तू सुन ले जग दे वाली,
भैया मेरे कैसे करूं सहाई,
मुझे जैसे पापी के कारण तुमने बन में
धुला लों पांव राघव जी अगर जो पार जाना
अगर जो पार जाना है अगर जो पार जाना है,
अरे मुझे इतना बता दे हनुमान कैसी है
कैसी है रावण लंका कैसी है रावण लंका,