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Bhagwat Katha Badrinath Bhaishri

Contents of this list:

Mangla Charan In Shrimad Bhagwat Katha..Vakta Shri Rameshbhaiji Oza
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 01 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 02 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 04 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 03 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 05 BY PP RAMESHBHAI OZAJI
SHRIMAD BHAGWAT KATHA (BADRINATH) VOL 06 BY PP RAMESHBHAI OZAJI

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राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी

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राधा रो रो करे पुकार श्याम आ जाओ एक बार,
श्याम आ जाओ हरि आ जाओ,
श्याम का मैं फैन हूं नाम है सुदामा रे,
बचपन का यार मैं हूं श्याम का दिवाना
मेरो छोटो सो मदन गोपाल मचल गयो माखन पर,
माखन पर सखी मिश्री पर,
इतना सा केवल मुझको वरदान दीजिए,
अपने चरणों में रहने का प्रभु स्थान
कनखल नगरी फूलों की बरसात हो गई,
मेरी गौरा जी की शादी भोले से हो गई,