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Geeta Vatika, Gorakhpur Bhagwat Katha by Sh. Radhapriya ji

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 1 (Gorakhpur, U.P.)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 2 (Gorakhpur, U.P.)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 3 (Gorakhpur, U.P.)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 4 (Gorakhpur, U.P.)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 5 (Gorakhpur, U.P.)

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 6 (Gorakhpur, U.P.)

Divine Lecture by Radhapriya ji

Divine Lecture by Sh. Radhapriya ji

DIVINE

towards Krishna by Radhapriya

Krishna Bhajan Kirtan

Contents of this list:

Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 1 (Gorakhpur, U.P.)
Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 2 (Gorakhpur, U.P.)
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Shreemad Bhagwat Katha - Shri Radha Priyaji Maharaj - Day 4 (Gorakhpur, U.P.)
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Divine Lecture by Radhapriya ji
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15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav DevoteeKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



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जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,

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चलो जी चलो जी चलो,
भोले नाथ को चल कर मनाएंगे,
खोलो हिर्दय के ताले, मईया जी मेरा
काहे गरजे गरज डरावे,
बिन बात के आंख दिखावे,
धर्म कर्म घटता ही जाए डोल रहा ईमान,
धर्म कर्म घटता ही जाए डोल रहा ईमान,
कान्हा तेरा मंदिर अब मेरा है ये घर,
तू ही नज़र आये देखूं मैं जिधर,