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Shri Ram Katha by Shri Kirit Bhaiji Maharaj in Feburary 2015 at Ujjain

Shri Ram Katha - Shri Kirit Bhaiji Maharaj - Ujjain (Day 1)

Shri Ram Katha - Shri Kirit Bhaiji Maharaj - Ujjain (Day 2)

Shri Ram Katha - Shri Kirit Bhaiji Maharaj - Ujjain (Day 3)

Shri Ram Katha - Shri Kirit Bhaiji Maharaj - Ujjain (Day 4)

Shri Ram Katha - Shri Kirit Bhaiji Maharaj - Ujjain (Day 5)

Shri Ram Katha - Shri Kirit Bhaiji Maharaj - Ujjain (Day 7)

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With LoveThe Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON



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तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली

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सीख लियो मेरे राम
ज्ञान मैने सीख लियो
ओ खाटू के बाबा श्याम तू लीले चढ़ कर आजा,
तू लीले चढ़ कर आजा, भक्तां रा कष्ट मिटा
भक्त शिरोमणि जय हो हनुमाना,
कोई नहीं तुमसा वीर बलवाना॥
मच रहो हाहाकार आज यहा पृथ्वी पे,
बढ़ गया अत्याचार राम तेरी धरती पे...
दिल में श्री राम बसें है संग माता
बैठा खड़ताल भजाये रघुवर के नाम की...