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Rajeshwaranand ji

SWAMI RAJESHWARANAND JI MAHARAJ

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Swami Rajeshwaranand Saraswati Ram katha - Shambhu kinha yah Charit Shuhava

Pravachan - Shri Rajeshwarnand Ji Maharaj - Day 3 (Prempuri Ashram, Mumbai)

Contents of this list:

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Swami Rajeshwaranand Saraswati Ram katha - Shambhu kinha yah Charit Shuhava
Pravachan - Shri Rajeshwarnand Ji Maharaj - Day 3 (Prempuri Ashram, Mumbai)

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।

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होली खेले भोलेनाथ आयो फागन महीना रे,
हाँ रे होली खेले भोलेनाथ आयो फागन
क्यों चिंता करता बेकार, द्वारे पे तेरे
देगो चुगेरो है, जाने चोंच दई
कान्हा खो गया मेरा दिल तेरे वृंदावन
तेरे मथुरा में, तेरे गोकुल में,
हम ना चरैब तोहर गैया, यशोदा मैया,
हम ना चरैब तोहर गैया
बैरन भई रे बाँसुरिया मैं क्या करूं...