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Bhagwat Katha By Shri Radhakrishnaji Maharaj

Bhagwat - Part 1

Bhagwat - Part 2

Bhagwat - Part 3

Bhagwat - Part 4

Bhagwat - Part 5

Bhagwat - Part 6

Bhagwat - Part 7

Bhagwat - Part 8

Bhagwat - Part 9

Bhagwat - Part 10

Bhagwat - Part 11

Contents of this list:

Bhagwat - Part 1
Bhagwat - Part 2
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ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद

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बाबा प्रेम की होली है,
श्याम संग खेलूं होली उन्हें रंग जो
तेरे चरणों में मैं रूल जावां, बृज रज़
इतनीं सी है दिल की आरजू,
हम आये तेरे द्वार भवानी जगदम्बे,
हम आये तेरे द्वार दया कर जगदम्बे...
हो मेला फागन दा,
औंदा है हर साल,
मन की मिटेगी तृष्णा, भज ले तू गोपाल