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Shreemad Bhagwat Katha by Pundrik Goswami ji Maharaj at Vrindavan in 2015

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswaniji Maharaj - Vrindavan

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 2)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 3)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 4)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 5)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 6)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 7)

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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For God9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee



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बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥

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मां को मनालो,
दिल से रिझालो,
दिल पर तेरी कन्हैया,
तस्वीर बना ली है,
हे गणपती बप्पा तेरे उपकार कभी ना
पाया तुझसे हमने वो प्यार कभी ना
लुगाइयों री किसे नै मेरा काला देख्या
के जतन करू मैं तो ढूंढती फिरू मुरली
तकिया मैं रत्नो दे घर बाहर, इक्क
लगदा ओ रब्ब दा कोई अवतार,