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PUNDRIK GOSWAMIJI

PRAVACHAN ON GOPI GEET BY H.H. SRI PUNDRIK GOSWAMIJI

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 6)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 7)

Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Delhi (Day 1)

PRAVACHAN BY SRI PUNDRIK GOSWAMI JI AT MUMBAI 2001

H.H SRI PUNDRIK GOSWAMI JI MAHARAJ 1999 MUMBAI (WHEN HE WAS 11 YEAR OLD)

Special Lecture on Role of Values of Life By shri Pundrik Goswami Ji MaharajJNU

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PRAVACHAN ON GOPI GEET BY H.H. SRI PUNDRIK GOSWAMIJI
Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 6)
Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswamiji Maharaj - Vrindavan (Day 7)
Shreemad Bhagwat Katha - Pundrik Goswami ji Maharaj - Delhi (Day 1)
PRAVACHAN BY SRI PUNDRIK GOSWAMI JI AT MUMBAI 2001
H.H SRI PUNDRIK GOSWAMI JI MAHARAJ 1999 MUMBAI (WHEN HE WAS 11 YEAR OLD)
Special Lecture on Role of Values of Life By shri Pundrik Goswami Ji MaharajJNU

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अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा

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इतनी भक्ति मुझे दे दो बाबा तेरे चरणों
चाकरी में ही मन ये मगन हो माया के जाल
नाम जपो, राम राम का नाम, प्यारे नाम जपो
इधर भी नजर दे फिरा कमली वाले,
मेरी इतनी है इल्तेजा कमली वाले...
शीश पे चँदा जटा में गंगा तन पे भस्मी
त्रिपुण्डधारी त्रिनेत्र धारी कर तेरे
मैंने रांधो चने को साग लंगुरिया,
बलम रूठ गए सब्जी पर...