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Bhagavat Katha at MUmbai by Pundarik Goswamiji

Pujya Pundrik Goswami Ji (Day 1) Bhagwat Katha Mumbai (Maharashtra)

Pujya Pundrik Goswami Ji (Day 2) Bhagwat Katha Mumbai (Maharashtra)

Pujya Pundrik Goswami Ji (Day 4) Bhagwat Katha Mumbai (Maharashtra)

Pujya Pundrik Goswami Ji (Day 6) Bhagwat Katha Mumbai (Maharashtra)

Pujya Pundrik Goswami Ji (Day 5) Bhagwat Katha Mumbai (Maharashtra)

Pujya Pundrik Goswami Ji (Day 7) Bhagwat Katha Mumbai (Maharashtra)

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Pujya Pundrik Goswami Ji (Day 4) Bhagwat Katha Mumbai (Maharashtra)
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9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People



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वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा

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बड़ी श्रद्धा से तुम्हारे बच्चों ने
तुम्हारे बिना इस जगत में मैया कोई नहीं
शिव पार्वती के संग पड़ेगी कैसे हरे हरे
हम श्याम बिहारी के चेले है,
बीत गए जुग दास पुराने,
लाल लंगोटो हाथ में सोटो बजरंगी नखराले,
लाल है यो तो अंजनी मां का ठुमक ठुमक कर
मलिया तेरा द्वार पहाड़ा वालड़िये,
दे दर्शन इक वार पहाड़ा वालड़िये