Geeta Satsang by Shri Gyananand Ji Maharaj in December 2014 at Gurgaon, Haryana
Contents of this list:
A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCONWhy Should One Do Bhakti? 80 Facts About Bhakti [Must Read]11 Tips For Enhancing Devotional Service For Busy People9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने॥
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
New Bhajan Lyrics
View All
तूने पकड़ा जो हाथ मेरा,
ग़म के बादल जो छंटने लगे,
तेरे चरणों में बैठूंगा,
और जानुंगा तेरा नाम,
तेरी आरती माँ शेरावाली,
गावे संगत सारी,
भगत तूने बहुत किया बहुत किया रघुकुल पे
याद तुझे रखेगा रखेगा,
मेरा हरी से मिलन कैसे होय,
खिड़की तो सातो बंद पड़ी,