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Shreemad Bhagwat Katha By Swami Avdeshanand ji in November, 2014 at Chitrakoot

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 1)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 2)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 3)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 4)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 5)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 6)

Shreemad Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji Maharaj - Chitrakoot (Day 7)

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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What Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti



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श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे

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जय अम्बे जय जय जगदम्बे, जय जय
जय जग जननी, ज्योतां वाली, जय दुर्गे जय
मन में बसी है मैया मेरे एक छोरी,
अति की मलूक रंग रूप की है गोरी...
ना छोड़िए ना छोड़िए मेरे सतगुरु
मेरे साहेब प्यारे ना छोड़िए,
काँच ही बाँस के बहंगिया,
बहंगी लचकत जाए,
एक मेरा श्याम अपना सारी दुनिया बेगानी
दुनिया वाले क्या जाने ये तो प्रीत