Bhagwat Katha by Swami Avdheshanand Giriji in December 2014 At Kurukshetra, Haryana, India
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A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome PainWhat Is Navdha Bhakti? And Why Is It So Important For Us?84 Beautiful Names Of Lord Shri Krishna (with Meaning) – Reading Them Fills The Heart With Love15 Obstacles That Can Easily Derail Us From Our Path Of Bhakti
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
राधा नाम की लगाई फुलवारी, के पत्ता
के पत्ता पत्ता श्याम बोलता, के पत्ता
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
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अवतार लो प्रभु आके धरती पर पाप बढ़त
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दीनां का दातार,
जय जय जय माँ ...
मैनु अपने दर पे बुलाले शेरवालाड़िये,