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Bhagwat Katha by Swami Avdeshanand Giriji at Salasar, Rajasthan in October 2015

Shreemad Bhagwat Katha - Swami Avdeshanand Giriji Maharaj - Day 1 (Salasar, Rajasthan)

Shreemad Bhagwat Katha - Swami Avdeshanand Giriji Maharaj - Day 2 (Salasar, Rajasthan)

Shreemad Bhagwat Katha - Swami Avdeshanand Giriji Maharaj - Day 3 (Salasar, Rajasthan)

Shreemad Bhagwat Katha - Swami Avdeshanand Giriji Maharaj - Day 4 (Salasar, Rajasthan)

Shreemad Bhagwat Katha - Swami Avdeshanand Giriji Maharaj - Day 5 (Salasar, Rajasthan)

Shreemad Bhagwat Katha - Swami Avdeshanand Giriji Maharaj - Day 6 (Salasar, Rajasthan)

Shreemad Bhagwat Katha - Swami Avdeshanand Giriji Maharaj - Day 7 (Salasar, Rajasthan)

Contents of this list:

A Beautiful Bhagwad Gita Reader
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Key Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti9 Must Have Qualities Of A Good Vaishnav Devotee8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?7 Amazing Ways In Which Devotees Easily Overcome Pain



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मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,

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मैं हूँ कृष्ण का दीवाना मैं कृष्ण
मैं कृष्ण बोलता हु मैं कृष्ण बोलता
तू वरदानी तू कल्याणी तू वरदानी तू
करो कल्याण जगदम्बे,
नाम जपले हरि दा प्यारे, जग मेला चार दीन
खड़ा सिर उत्ते काल पुकारे, जग मेला चार
आने वाली आने वाली आने वाली है,
जरा डमरू बजा दो भोले जी गौरा मैया आने
जय जय जय श्री श्याम,जय जय जय श्री श्याम,
भक्तों में श्याम रस  चढ़ गयो रे आयो आयो