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Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 1) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 2) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 3) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 4) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 5) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 6) Chennai

Shreemad Bhagwat Katha - Avdheshanand Giriji Maharaj (Day - 7) Chennai

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वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से
मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।

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तू है मेरा प्यार मोहन मैं हूँ तेरे
तुझको है मेरी कसम छोड़ के मत जाना,
मेरा हाथ पकड़ लो माँ जगत में भीड़ तो
कहीं खो ना जाऊं मैं माँ तेरी
मईया की महिमा मैं गाऊं,
मईया तुमको मनाऊ,
रास्ता चला नहीं जाए बताओ मैया कितनी है
कितनी है दूरी मैया कितनी है दूरी,
डमरू बजे जब भोले सजे तब,
एक ही धुन में ज़मीं आसमां ये बोले ओ तन