Bhagavad Gita Chapter 9 Verse 9 भगवद् गीता अध्याय 9 श्लोक 9 न च मां तानि कर्माणि निबध्नन्ति धनञ्जय। उदासीनवदासीनमसक्तं तेषु कर्मसु।।9.9।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 9.9) ।।9.9।।हे धनञ्जय उन (सृष्टिरचना आदि) कर्मोंमें अनासक्त और उदासीनकी तरह रहते हुए मेरेको वे कर्म नहीं बाँधते। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।9.9।। हे धनंजय उन कर्मों में आसक्ति रहित और उदासीन के समान स्थित मुझ (परमात्मा) को वे कर्म नहीं बांधते हैं।।