Bhagavad Gita Chapter 9 Verse 23 भगवद् गीता अध्याय 9 श्लोक 23 येऽप्यन्यदेवता भक्ता यजन्ते श्रद्धयाऽन्विताः। तेऽपि मामेव कौन्तेय यजन्त्यविधिपूर्वकम्।।9.23।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 9.23) ।।9.23।।हे कुन्तीनन्दन जो भी भक्त (मनुष्य) श्रद्धापूर्वक अन्य देवताओंका पूजन करते हैं? वे भी करते तो हैं मेरी ही पूजन? पर करते हैं अविधिपूर्वक। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।9.23।। हे कौन्तेय श्रद्धा से युक्त जो भक्त अन्य देवताओं को पूजते हैं? वे भी मुझे ही अविधिपूर्वक पूजते हैं।।