Bhagavad Gita Chapter 8 Verse 26 भगवद् गीता अध्याय 8 श्लोक 26 शुक्लकृष्णे गती ह्येते जगतः शाश्वते मते। एकया यात्यनावृत्तिमन्ययाऽऽवर्तते पुनः।।8.26।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 8.26) ।।8.26।।क्योंकि शुक्ल और कृष्ण -- ये दोनों गतियाँ अनादिकालसे जगत्(प्राणिमात्र) के साथ सम्बन्ध रखनेवाली हैं। इनमेंसे एक गतिमें जानेवालेको लौटना नहीं पड़ता और दूसरी गतिमें जाननेवालेको लौटना पड़ता है। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।8.26।। जगत् के ये दो प्रकार के शुक्ल और कृष्ण मार्ग सनातन माने गये हैं । इनमें एक (शुक्ल) के द्वारा (साधक) अपुनरावृत्ति को तथा अन्य (कृष्ण) के द्वारा पुनरावृत्ति को प्राप्त होता है।।