Bhagavad Gita Chapter 7 Verse 30 भगवद् गीता अध्याय 7 श्लोक 30 साधिभूताधिदैवं मां साधियज्ञं च ये विदुः। प्रयाणकालेऽपि च मां ते विदुर्युक्तचेतसः।।7.30।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 7.30) ।।7.30।।जो मनुष्य अधिभूत अधिदैव और अधियज्ञके सहित मुझे जानते हैं वे युक्तचेता मनुष्य अन्तकालमें भी मुझे ही जानते हैं अर्थात् प्राप्त होते हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।7.30।। जो पुरुष अधिभूत और अधिदैव तथा अधियज्ञ के सहित मुझे जानते हैं वे युक्तचित्त वाले पुरुष अन्तकाल में भी मुझे जानते हैं।।