Bhagavad Gita Chapter 7 Verse 28 भगवद् गीता अध्याय 7 श्लोक 28 येषां त्वन्तगतं पापं जनानां पुण्यकर्मणाम्। ते द्वन्द्वमोहनिर्मुक्ता भजन्ते मां दृढव्रताः।।7.28।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 7.28) ।।7.28।।परन्तु जिन पुण्यकर्मा मनुष्योंके पाप नष्ट गये हैं वे द्वन्द्वमोहसे रहित हुए मनुष्य दृढ़व्रती होकर मेरा भजन करते हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।7.28।। परन्तु जिन पुण्यकर्मी पुरुषों का पाप नष्ट हो गया है वे द्वन्द्वमोह से निर्मुक्त और दृढ़वती पुरुष मुझे भजते हैं।।