Bhagavad Gita Chapter 7 Verse 16 भगवद् गीता अध्याय 7 श्लोक 16 चतुर्विधा भजन्ते मां जनाः सुकृतिनोऽर्जुन। आर्तो जिज्ञासुरर्थार्थी ज्ञानी च भरतर्षभ।।7.16।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।7.16।। हे भरत श्रेष्ठ अर्जुन उत्तम कर्म करने वाले (सुकृतिन) आर्त जिज्ञासु अर्थार्थी और ज्ञानी ऐसे चार प्रकार के लोग मुझे भजते हैं।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary