Bhagavad Gita Chapter 6 Verse 7 भगवद् गीता अध्याय 6 श्लोक 7 जितात्मनः प्रशान्तस्य परमात्मा समाहितः। शीतोष्णसुखदुःखेषु तथा मानापमानयोः।।6.7।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।6.7।। शीतउष्ण सुखदुख तथा मानअपमान में जो प्रशान्त रहता है ऐसे जितात्मा पुरुष के लिये परमात्मा सम्यक् प्रकार से स्थित है अर्थात् आत्मरूप से विद्यमान है।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.