Bhagavad Gita Chapter 4 Verse 2 भगवद् गीता अध्याय 4 श्लोक 2 एवं परम्पराप्राप्तमिमं राजर्षयो विदुः। स कालेनेह महता योगो नष्टः परन्तप।।4.2।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 4.2) ।।4.2।।हे परंतप इस तरह परम्परासे प्राप्त इस योगको राजर्षियोंने जाना। परन्तु बहुत समय बीत जानेके कारण वह योग इस मनुष्यलोकमें लुप्तप्राय हो गया। Shri Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.