Bhagavad Gita Chapter 4 Verse 1 भगवद् गीता अध्याय 4 श्लोक 1 श्री भगवानुवाच इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्। विवस्वान् मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्।।4.1।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।4.1।। श्रीभगवान् ने कहा मैंने इस अविनाशी योग को विवस्वान् (सूर्य देवता) से कहा (सिखाया) विवस्वान् ने मनु से कहा मनु ने इक्ष्वाकु से कहा।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.