Bhagavad Gita Chapter 3 Verse 43 भगवद् गीता अध्याय 3 श्लोक 43 एवं बुद्धेः परं बुद्ध्वा संस्तभ्यात्मानमात्मना। जहि शत्रुं महाबाहो कामरूपं दुरासदम्।।3.43।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 3.43) ।।3.42 3.43।।इन्द्रियोंको (स्थूलशरीरसे) पर (श्रेष्ठ सबल प्रकाशक व्यापक तथा सूक्ष्म) कहते हैं। इन्द्रियोंसे पर मन है मनसे भी पर बुद्धि है औऱ जो बुद्धिसे भी पर है वह (काम) है। इस तरह बुद्धिसे पर(काम) को जानकर अपने द्वारा अपनेआपको वशमें करके हे महाबाहो तू इस कामरूप दुर्जय शत्रुको मार डाल। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।3.43।। इस प्रकार बुद्धि से परे (शुद्ध) आत्मा को जानकर आत्मा (बुद्धि) के द्वारा आत्मा (मन) को वश में करके हे महाबाहो तुम इस दुर्जेय (दुरासदम्) कामरूप शत्रु को मारो।।