Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 62 भगवद् गीता अध्याय 2 श्लोक 62 ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते। सङ्गात् संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते।।2.62।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।2.62।। विषयों का चिन्तन करने वाले पुरुष की उसमें आसक्ति हो जाती है? आसक्ति से इच्छा और इच्छा से क्रोध उत्पन्न होता है।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.