Download Bhagwad Gita 2.40 Download BG 2.40 as Image

⮪ BG 2.39 Bhagwad Gita Hindi Translation BG 2.41⮫

Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 40

भगवद् गीता अध्याय 2 श्लोक 40

नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते।
स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात्।।2.40।।

हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 2.40)

।।2.40।।मनुष्यलोकमें इस समबुद्धिरूप धर्मके आरम्भका नाश नहीं होता इसके अनुष्ठानका उलटा फल भी नहीं होता और इसका थोड़ासा भी अनुष्ठान (जन्ममरणरूप) महान् भयसे रक्षा कर लेता है।

हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद

।।2.40।। इसमें क्रमनाश और प्रत्यवाय दोष नहीं है। इस धर्म (योग) का अल्प अभ्यास भी महान् भय से रक्षण करता है।।