Bhagavad Gita Chapter 2 Verse 34 भगवद् गीता अध्याय 2 श्लोक 34 अकीर्तिं चापि भूतानि कथयिष्यन्ति तेऽव्ययाम्। संभावितस्य चाकीर्तिर्मरणादतिरिच्यते।।2.34।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 2.34) ।।2.34।।सब प्राणी भी तेरी सदा रहनेवाली अपकीर्तिका कथन करेंगे। वह अपकीर्ति सम्मानित मनुष्यके लिये मृत्युसे भी बढ़कर दुःखदायी होती है। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।2.34।। और सब लोग तुम्हारी बहुत काल तक रहने वाली अपकीर्ति को भी कहते रहेंगे और सम्मानित पुरुष के लिए अपकीर्ति मरण से भी अधिक होती है।।