Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 9 भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 9 कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेऽर्जुन। सङ्गं त्यक्त्वा फलं चैव स त्यागः सात्त्विको मतः।।18.9।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 18.9) ।।18.9।।हे अर्जुन केवल कर्तव्यमात्र करना है -- ऐसा समझकर जो नियत कर्म आसक्ति और फलका त्याग करके किया जाता है? वही सात्त्विक त्याग माना गया है। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।18.9।। हे अर्जुन कर्म करना कर्तव्य है ऐसा समझकर जो नियत कर्म आसक्ति और फल को त्यागकर किया जाता है? वही सात्त्विक त्याग माना गया है।।