Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 40 भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 40 न तदस्ति पृथिव्यां वा दिवि देवेषु वा पुनः। सत्त्वं प्रकृतिजैर्मुक्तं यदेभिः स्यात्ित्रभिर्गुणैः।।18.40।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।18.40।। पृथ्वी पर अथवा स्वर्ग के देवताओं में ऐसा कोई प्राणी (सत्त्वं अर्थात् विद्यमान वस्तु) नहीं है जो प्रकृति से उत्पन्न इन तीन गुणों से मुक्त (रहित) हो।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.