Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 4 भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 4 निश्चयं श्रृणु मे तत्र त्यागे भरतसत्तम। त्यागो हि पुरुषव्याघ्र त्रिविधः संप्रकीर्तितः।।18.4।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।18.4।। हे भरतसत्तम उस त्याग के विषय में तुम मेरे निर्णय को सुनो। हे पुरुष श्रेष्ठ वह त्याग तीन प्रकार का कहा गया है।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.