Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 39 भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 39 यदग्रे चानुबन्धे च सुखं मोहनमात्मनः। निद्रालस्यप्रमादोत्थं तत्तामसमुदाहृतम्।।18.39।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।18.39।। जो सुख प्रारम्भ में और परिणाम (अनुबन्ध) में भी आत्मा (मनुष्य) को मोहित करने वाला होता है? वह निद्रा? आलस्य और प्रमाद से उत्पन्न सुख तामस कहा जाता है।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary for this verse.