Download Bhagwad Gita 18.29 Download BG 18.29 as Image

⮪ BG 18.28 Bhagwad Gita Brahma Vaishnava Sampradaya BG 18.30⮫

Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 29

भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 29

बुद्धेर्भेदं धृतेश्चैव गुणतस्त्रिविधं श्रृणु।
प्रोच्यमानमशेषेण पृथक्त्वेन धनञ्जय।।18.29।।

हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद

।।18.29।। हे धनंजय मेरे द्वारा अशेषत और पृथकत कहे जाने वाले? गुणों के कारण उत्पन्न हुए बुद्धि और धृति के त्रिविध भेद को सुनो।।

Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary

There is no commentary for this verse.