Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 28 भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 28 अयुक्तः प्राकृतः स्तब्धः शठो नैष्कृतिकोऽलसः। विषादी दीर्घसूत्री च कर्ता तामस उच्यते।।18.28।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 18.28) ।।18.28।।जो कर्ता असावधान? अशिक्षित? ऐंठअकड़वाला? जिद्दी? उपकारीका अपकार करनेवाला? आलसी? विषादी और दीर्घसूत्री है? वह तामस कहा जाता है। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।18.28।। अयुक्त? प्राकृत? स्तब्ध? शठ? नैष्कृतिक? आलसी? विषादी और दीर्घसूत्री कर्ता तामस कहा जाता है।।