Bhagavad Gita Chapter 18 Verse 11 भगवद् गीता अध्याय 18 श्लोक 11 न हि देहभृता शक्यं त्यक्तुं कर्माण्यशेषतः। यस्तु कर्मफलत्यागी स त्यागीत्यभिधीयते।।18.11।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 18.11) ।।18.11।।कारण कि देहधारी मनुष्यके द्वारा सम्पूर्ण कर्मोंका त्याग करना सम्भव नहीं है। इसलिये जो कर्मफलका त्यागी है? वही त्यागी है -- ऐसा कहा जाता है। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।18.11।। क्योंकि देहधारी पुरुष के द्वारा अशेष कर्मों का त्याग संभव नहीं है? इसलिए जो कर्मफल त्यागी है? वही पुरुष त्यागी कहा जाता है।।