Bhagavad Gita Chapter 17 Verse 5 भगवद् गीता अध्याय 17 श्लोक 5 अशास्त्रविहितं घोरं तप्यन्ते ये तपो जनाः। दम्भाहङ्कारसंयुक्ताः कामरागबलान्विताः।।17.5।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।17.5।। जो लोग शास्त्रविधि से रहित घोर तप करते हैं तथा दम्भ? अहंकार? काम और राग से भी युक्त होते हैं।। हिंदी टीका - स्वामी चिन्मयानंद जी ।।17.5।। See Commentary under 17.6