Bhagavad Gita Chapter 17 Verse 4 भगवद् गीता अध्याय 17 श्लोक 4 यजन्ते सात्त्विका देवान्यक्षरक्षांसि राजसाः। प्रेतान्भूतगणांश्चान्ये यजन्ते तामसा जनाः।।17.4।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 17.4) ।।17.4।।सात्त्विक मनुष्य देवताओंका पूजन करते हैं? राजस मनुष्य यक्षों और राक्षसोंका और दूसरे जो तामस मनुष्य हैं? वे प्रेतों और भूतगणोंका पूजन करते हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।17.4।। सात्त्विक पुरुष देवताओं को पूजते हैं और राजस लोग यक्ष और राक्षसों को? तथा अन्य तामसी जन प्रेत और भूतगणों को पूजते हैं।।