Bhagavad Gita Chapter 17 Verse 19 भगवद् गीता अध्याय 17 श्लोक 19 मूढग्राहेणात्मनो यत्पीडया क्रियते तपः। परस्योत्सादनार्थं वा तत्तामसमुदाहृतम्।।17.19।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।17.19।। जो तप मूढ़तापूर्वक स्वयं को पीड़ित करते हुए अथवा अन्य लोगों के नाश के लिए किया जाता है? वह तप तामस कहा गया है।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary