Bhagavad Gita Chapter 16 Verse 16 भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 16 अनेकचित्तविभ्रान्ता मोहजालसमावृताः। प्रसक्ताः कामभोगेषु पतन्ति नरकेऽशुचौ।।16.16।। हिंदी अनुवाद - स्वामी रामसुख दास जी ( भगवद् गीता 16.16) ।।16.16।।कामनाओंके कारण तरहतरहसे भ्रमित चित्तवाले? मोहजालमें अच्छी तरहसे फँसे हुए तथा पदार्थों और भोगोंमें अत्यन्त आसक्त रहनेवाले मनुष्य भयङ्कर नरकोंमें गिरते हैं। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।16.16।। अनेक प्रकार से भ्रमित चित्त वाले? मोह जाल में फँसे तथा विषयभोगों में आसक्त ये लोग घोर? अपवित्र नरक में गिरते हैं।।