Bhagavad Gita Chapter 16 Verse 14 भगवद् गीता अध्याय 16 श्लोक 14 असौ मया हतः शत्रुर्हनिष्ये चापरानपि। ईश्वरोऽहमहं भोगी सिद्धोऽहं बलवान्सुखी।।16.14।। हिंदी अनुवाद - स्वामी तेजोमयानंद ।।16.14।। यह शत्रु मेरे द्वारा मारा गया है और दूसरे शत्रुओं को भी मैं मारूंगा? मैं ईश्वर हूँ और भोगी हूँ? मैं सिद्ध पुरुष हूँ? मैं बलवान और सुखी हूँ।। Brahma Vaishnava Sampradaya - Commentary There is no commentary to Chapter 16, verse 16 by Madhvacarya. There is no commentary to Chapter 16, verse 17 by Madhvacarya.